
हल्द्वानी। लगातार मिल रही शिकायतों के परिपेक्ष्य में सीएमओ नैनीताल डॉ हरीश पंत के दिशा निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्वेता भंडारी के नेतृत्व में हल्दूचौड़ में उत्तराखंड नैदानिक स्थापन पंजीकरण अधिनियम में अपंजीकृत व अवैध रूप से चलने वाली तीन क्लीनिको व एक मेडिकल स्टोर पर 1 लाख 40 हजार का जुर्माना डालते हुये क्लीनिक बंद कराते हुये दो दिनों के भीतर अभिलेखों सहित सीएमओ कार्यालय नैनीताल तलब किया है। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को स्वास्थ विभाग के द्वारा हल्दूचौड़ स्थित डीके क्लिनिक पर छापा मारा गया जहां संचालक का उत्तराखंड क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट बिल में नेचरोपैथी के अंतर्गत पंजीकरण है मगर वह एलोपैथी की प्रैक्टिस कर रहा था जिस पर उनके विरुद्ध 20 हजार रुपये की चलानी कार्यवाही की गयी, इसके बाद टीम ने कमलेश मेडिकल स्टोर पर छापा मारा तो वहां संचालक एलोपैथी की प्रैक्टिस करते हुये पाया गया तो उसके विरुद्ध 50 हजार रुपये की चलानी कार्यवाही करते हुये ड्रग इंस्पेक्टर को उसके विरुद्ध कार्यवाही की संस्तुति की गयी, इसके पश्चात टीम ने वीके क्लिनिक का पंजीकरण नही होने व अनियमिताये मिलने पर संचालक के विरुद्ध 50 हजार रुपये की चालानी कार्यवाही की, इसके उपरांत टीम ने श्रीवास्तव क्लीनिक के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये 20 हजार रुपये की चालानी कार्यवाही करते हुये सभी क्लीनिको को बंद करवा दिया। एसीएमओ डॉ श्वेता भंडारी ने बताया कि सभी संचालको को क्लिनिक सम्बन्धी कागजो के सत्यापन हेतु दो दिनों के भीतर अपने-2 अभिलेख लेकर नैनीताल मुख्यालय में तलब किया गया
है। उन्होंने बताया कि अपंजीकृत चिकित्सकों, अवैध पैथोलॉजी लेबो के विरुद्ध यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। इस अवसर पर छापेमारी की कार्यवाही की टीम में एसीएमओ डॉ श्वेता भंडारी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ लव पांडे, प्रधान सहायक मनोज बिष्ट, कनिष्ठ सहायक दीपेश कुमार, अनुसेवक देवेन्द्र मेहरा आदि मौजूद रहे। इधर कार्यवाही की सूचना मिलते ही क्षेत्र के अपंजीकृत चिकित्सको में हड़कम्प मच गया व अधिकांश संचालक क्लीनिको को बंद करके भाग खड़े हुये।
फ़ोटो-छापेमारी करती हुयी टीम।